समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक के द्वारा फ्लेक्स लगा कर दी गई नववर्ष की शुभकामनाओं से राजनीतिक हलचल हुई तेज


 विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी को लेकर चल रही थी अनिश्चितता

 


निवाड़ी
।प्रदेश में सन 2008 के विधानसभा चुनाव में विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी से समाजवादी पार्टी को काफी प्रयासों के बाद सफलता मिली थी और उसके बाद लगातार सन 2013 के विधानसभा चुनाव में तथा सन 2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक श्रीमती मीरा दीपनारायण सिंह यादव को विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। सन 2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली हार के बाद संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उपस्थिति लगभग नगण्य हो गई थी हालांकि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने थोड़ी बहुत अपनी उपस्थिति विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में दर्ज कराई और उसके बाद विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की ओर से कोई भी राजनीतिक गतिविधियां नहीं की गई जिसके चलते अगले वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी लेकिन नव वर्ष प्रारंभ होते ही तथा विधानसभा चुनाव के लगभग डेढ़  वर्ष पहले समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक श्रीमती मीरा दीपनारायण सिंह यादव एवं उनके पुत्र दीपांकर यादव के द्वारा विधानसभा क्षेत्र वासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं फ्लेक्स लगा कर दी गई जिससे अब एक बार फिर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है तथा अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को लेकर चल रही अनिश्चितता भी लगभग समाप्त होती दिख रही है हालांकि समाजवादी पार्टी से विधायक रहीं श्रीमती मीरा दीपनारायण सिंह यादव द्वारा क्षेत्र में नववर्ष की शुभकामनाओं के लगाए गये फ्लेक्स से इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी को लेकर असमंजस बरकरार है क्योंकि क्षेत्र में लगे फ्लेक्स में सपा की पूर्व विधायक श्रीमती मीरा दीपनारायण सिंह यादव के द्वारा अपने पुत्र दीपांकर यादव को भी महत्वपूर्ण जगह दी गई है तथा ऐसा भी बताया जा रहा है कि दीपांकर यादव के पास झांसी जिले में युवाओं की एक भारी-भरकम टीम है और उसी टीम  के सहारे दीपांकर यादव अपने पिता गरौठा से विधायक रहे दीप नारायण सिंह यादव के पद चिन्हों पर चलकर विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी से अपने राजनीतिक जीवन का शुभारंभ कर सकते हैं।


 मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच


 विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी से पिछले तीन चुनावों में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही मुकाबला होता आ रहा है जबकि कांग्रेस तीनों चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा सकी है और इस बार भी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी एवं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के बीच ही होना लगभग तय माना जा रहा है हालांकि कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी माने जा रहे हैं कैप्टन  सुरेंद्र सिंह यादव ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की गिरती हालत को सुधारा था और इस बार भी कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव लगातार विधानसभा में भ्रमण कर  कांग्रेस को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन एक विशेष समाज का भारी-भरकम वोट बैंक समाजवादी पार्टी के साथ होने से मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी के बीच होना ही तय माना जा रहा है।सन 2008 के विधानसभा चुनाव में पहली बार सपा प्रत्याशी को विधानसभा क्षेत्र में सफलता मिली जब भाजपा प्रत्याशी अनिल जैन को 19571 मत तथा समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती मीरा दीपक यादव को 34745 मत मिले थे जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप यादव को 4105 मतों  से ही संतोष करना पड़ा था लेकिन 2013 के चुनाव में परिस्थितियां बदली और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निवाड़ी को जिला बनाए जाने की घोषणा कर दी गई जिसके चलते भाजपा के प्रत्याशी अनिल जैन ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती मीरा दीपक यादव को लगभग 28 हजार  मतों से हराकर विधानसभा क्षेत्र में पहली बार भाजपा का खाता खोला जबकि कांग्रेस की स्थिति 2013 के चुनाव में भी खराब रही और कांग्रेस के प्रत्याशी बालकृष्ण दुबे को लगभग 8000 मत ही मिले इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में निवाड़ी को जिला बनाए जाने की घोषणा पूर्ण होने के बाद भी समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती मीरा दीपक यादव ने भाजपा प्रत्याशी अनिल जैन को कांटे की टक्कर दी और इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अनिल जैन निवाड़ी को जिला बनाने के बाद मात्र लगभग आठ हजार मतों के अंतर से ही जीत दर्ज कर सके हालांकि चुनाव में कांग्रेस की स्थिति में काफी सुधार हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव लगभग 13 हजार  मत पाकर सम्मानजनक स्थिति में रहे और अब एक बार फिर अगले वर्ष चुनाव होना है ऐसे में समाजवादी पार्टी की उपस्थिति से एक बार फिर भाजपा और सपा के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद जताई जाने लगी है जबकि कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर कांग्रेस का जनाधार बढ़ाते हुए सपा और भाजपा के बीच होने वाले चुनावी घमासान में भारी उलटफेर करने में सक्षम दिख रहे हैं।