कोरोना के असली योद्धा - डॉक्टर हृदेश सूत्रकार, डॉक्टर रचना कबीर, डॉ प्रांशुल खरे एवं डॉ आशीष बडोनिया

 कोरोना के असली योद्धा - डॉक्टर हृदेश सूत्रकार, डॉक्टर रचना कबीर, डॉ प्रांशुल  खरे एवं डॉ आशीष बडोनिया




 अपना क्लीनिक बंद रख नगर में कोरोना मरीजों  की कर रहे देखभाल

 निवाड़ी। जिले में कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए जहां एक ओर जिला प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है वहीं दूसरी ओर हमारे जिले के शासकीय एवं निजी चिकित्सक भी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं जिला मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ शासकीय चिकित्सक जहां पूरे दिन प्रशासनिक कार्यों में लगे रहते हैं वहीं निजी चिकित्सक लगातार घर घर जाकर कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं।  जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में भी अपनी चिकित्सकीय स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे डॉक्टर हृदेश सूत्रकार डॉक्टर श्रीमतीरचना कबीर डॉ प्रांशुल खरे एवं डॉ आशीष बडोनिया सहित कई और ऐसे ही निजी चिकित्सक हैं जो अपना निजी चिकित्सालय बंद रख नगर में लगातार घर-घर जाकर अपनी स्वास्थ संबंधी सेवाएं दे रहे हैं। घर-घर जाकर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे नगर के यह निजी चिकित्सक कोरोना के असली योद्धा है जो कोरोना जैसी महामारी के संकट में अपना आर्थिक निजी स्वार्थ ना देखकर केवल जनता की सेवा में लगे हैं। नगर के निजी चिकित्सक डॉ प्रांशुल खरे डॉक्टर हृदेश सूत्रकार डॉ आशीष बडोनिया एवं श्रीमती डॉक्टर रचना कबीर द्वारा की जा रही कोरोना मरीजों की निस्वार्थ सेवा की संपूर्ण नगर में सराहना की जा रही है

 डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें

 नगर में निजी चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे डॉ प्रांशुल खरे का कहना है कि हमने जो चिकित्सा के क्षेत्र में ज्ञान अर्जित किया है वास्तव में आज हम उसका निस्वार्थ भाव से सही उपयोग कर पा रहे लेकिन कोरोना मरीजों  को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के दौरान हमने देखा है कि कई मरीज जरा सी सर्दी खांसी होने पर तुरंत घबराने लगते हैं और बिना डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करने लगते हैं यह गलत है इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और जब उन्हें कोरोना होता है तब उन्हें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला हाई पावर का डोज देना पड़ता है इसके साथ-साथ कई मरीज एक से अधिक चिकित्सकों की सलाह लेकर दवा का सेवन कर रहे हैं सुबह की दवा किसी और चिकित्सक की सलाह पर ले रहे हैं दोपहर की दवा अपने सगे संबंधी चिकित्सक की सलाह पर ले रहे हैं जबकि रात्रि की दवा किसी तीसरे चिकित्सक की सलाह पर ले रहे हैं यह भी गलत है इससे मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है इसके साथ साथ निजी चिकित्सक डॉक्टर हृदेश एवं उनकी पत्नी डॉ श्रीमती रचना कबीर ने भी बताया कि कोरोना जैसी महामारी में आज चिकित्सकों की बहुत जरूरत है और ऐसे में जब हम अपना स्वार्थ छोड़कर मरीजों की सेवा करते हैं तो हमें मन की शांति एवं हर्ष का अनुभव होता है।  डॉक्टर हृदेश ने बताया कि कोरोना से जंग घर पर ही रहकर जीती जा सकती है।  कोरोना संक्रमित होने पर किसी को घबराना नहीं है हम लोग पूरे समय अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं आप लोग सिर्फ प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करें तथा चिकित्सकों की सलाह पर ही दवा का सेवन करें। डॉ आशीष बड़ोदनिया ने बताया कि दो  गज की दूरी के साथ-साथ वैक्सीनेशन कोरोना से बचने का सबसे बड़ा उपाय है कोरोना संक्रमित होने पर सकारात्मक ऊर्जा के साथ घर में ही रह कर चिकित्सकों की सलाह लेकर दवा का सेवन करना है मन से नकारात्मक सोच को निकालकर सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को हराया जा सकता है। 

 डॉ प्रांशुल खरे

 भोपाल के राजीव गांधी विश्वविद्यालय से बी ए  एम एस की डिग्री हासिल कर वेंटीलेटर के संबंध में भी चिकित्सकीय ज्ञान अर्जित  किया इसके बाद निबाड़ी स्थित स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर आर सी मलारिया के अधीन रहकर चिकित्सा का अनुभव प्राप्त कर लगभग 4 वर्ष तक नागपुर के एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी इसके बाद ओरछा में रामराजा हॉस्पिटल प्रारंभ होने पर 2 वर्ष तक आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्य किया तथा डेढ़ वर्ष तक झांसी के निजी चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दी और फिर हाल ही में 28 फरवरी 2021 को निवाड़ी में अपने निजी चिकित्सालय का शुभारंभ किया और अब वर्तमान में 21 अप्रैल से अपना निजी चिकित्सालय बंद कर नगर में लगातार कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं डॉ प्रांशुल  खरे को नगर के वार्ड नंबर 5 से लेकर वार्ड नंबर 10 की जिम्मेदारी दी गई थी इसके साथ-साथ डॉ हृदेश की ड्यूटी रामराजा हॉस्पिटल में लगने पर वार्ड नंबर 11 से लेकर वार्ड नंबर 15 तक की जिम्मेदारी भी डॉ प्रांशुल द्वारा निभाई गई।  डॉ प्रांशुल  के द्वारा अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण ईमानदारी के साथ निर्वाहन किया गया तथा घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की देखभाल की गई।  नगर में निवासरत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी पीतांबरा गैस एजेंसी के संचालक संजीव वर्मा सहित कई कोरोना संक्रमित मरीजों के परिवारी जनों द्वारा डॉ प्रांशुल  खरे के सेवा भाव की प्रशंसा की जा रही है। 

 डॉक्टर हृदेश डॉ श्रीमती रचना कबीर

 नगर में पिछले कोरोना काल  से वर्तमान में अपना निजी चिकित्सालय बंद कर लगातार कोरोना मरीजों की देखभाल कर रहे डॉ हृदेश ने दंत चिकित्सा की डिग्री मुंबई से प्राप्त की जबकि उनकी पत्नी डॉ रचना कबीर ने बीएचएमएस की डिग्री ग्वालियर से प्राप्त की। डॉ हृदेश एवं डॉ रचना कबीर का विवाह फरवरी 2020 में हुआ और दोनों चिकित्सकों ने अपने निजी चिकित्सालय का निबाड़ी में शुभारंभ किया और जैसे ही क्षेत्र में कोरोना महामारी का संकट आया तो दोनों चिकित्सकों ने अपने दांपत्य जीवन का शुभारंभ होते ही कोरोना  मरीजों के लिए अपनी सेवाएं देना प्रारंभ कर दी। पिछले कोरोना काल में बिना किसी मानदेय के डॉक्टर हृदेश एवं डॉ रचना कबीर ने बिना किसी डर के कोरोना सेंपलिंग प्रारंभ कर प्रशासन का सहयोग किया और स्वयं कोरोना संक्रमित  भी हुए लेकिन कुछ ही दिनों में कोरोना को हराकर एक बार फिर कोरोना की  दूसरी लहर में अपना निजी स्वार्थ त्याग कर प्रशासन की ओर से कोरोना रिस्पांस टीम में शामिल होकर अपनी स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं देना प्रारंभ किया। डॉक्टर हृदेश को वार्ड नंबर 11 से वार्ड नंबर 15 की जिम्मेदारी तथा डॉक्टर रचना कबीर को वार्ड नंबर 1 से वार्ड नंबर 4 तक की जिम्मेदारी दी गई इसके साथ-साथ डॉक्टर हृदेश ने रामराजा हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना मरीजों को भी अपनी सेवाएं दी। डॉ हृदेश एवं डॉ रचना कबीर के द्वारा निस्वार्थ किए जा रहे सेवा भाव की संपूर्ण नगर में प्रशंसा की जा रही है। 

 डॉ आशीष बडोनिया

 पिछले वर्ष अंगिरा कॉलेज में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भर्ती मरीजों को अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे चुके डॉ आशीष बडोनिया ने बीएचएमएस की डिग्री छतरपुर से प्राप्त कर निवाड़ी स्थित स्वास्थ्य केंद्र में 6 महीने तक स्वास्थ्य सेवाओं का अनुभव प्राप्त किया इसके बाद 4 महीने तक ग्राम भेलसा में शासकीय चिकित्सक के रूप में कार्य किया और फिर 2002 में निवाड़ी में अपने निजी चिकित्सालय का शुभारंभ किया। डॉ आशीष बडोनिया ने पिछले कोरोना  काल में निस्वार्थ एवं निशुल्क अपनी स्वास्थ्य सेवाएं अंगिरा कॉलेज में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भर्ती मरीजों को दी थी और अब वर्तमान में घर पर ही रह कर तथा मोबाइल के माध्यम से कोरोना मरीजों के साथ-साथ अन्य बीमारियों के मरीजों को अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं जिसकी सर्वत्र सराहना एवं प्रशंसा की जा रही है।