तूफान से एक दर्जन से ज्यादा खम्बे टूटे बिजली आपूर्ति ठप्प।

ओरछा फायल न 1


 



पर्यटक नगरी में पेयजल व्यवस्था लड़खड़ाई उधोग धंधे ठप्प।


ओरछा---(अरुण सेन )पिछले दो दिनों से रात्रि में आ रहे तेज तूफान ओर बारिश से ओरछा के जंगलों में भारी पेड़ो के टूटकर बिजली के तारो एवम खम्बो पर गिरने से करीव एक दर्जन से ज्यादा बिजली के खम्बे टूट गये जिससे करीव 60 घण्टो से विधुत सप्लाई बंद है हालांकि विजली विभाग के कर्मचारी लगातार व्यवस्था को बनाने में लगे हुये है लेकिम इस गर्मी के मौसम में विजली व्यवस्था ठप्प होने से नगर पंचायत क्षेत्र सहित करीव दो दर्जन ग्रामो में पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा गई है साथ ही प्रतापपुरा क्रेशर उधोग बन्द है बिजली विभाग के अधिकारी आर के दुबे ने बताया कि बिजली विभाग के कर्मचारी के साथ ही बिजली विभाग के ठेकेदार के दर्जनों कर्मचारी जंगलों में खम्बो को गाड़ने लाइन फैलाने में दिनरात लगे हुये है सम्भवतःरात्रि तक विजली सप्लाई सुचारू की जा सकती है।


          ।पेयजल व्यवस्था लड़खड़ाई।


तेज आंधी एवम बारिष की बजह से बिजली के खम्बे एवम तार टूट जाने से पर्यटक नगरी एवम आसपास के दर्जनों ग्रामो की बिजली सप्लाई बंद है साथ ही प्रतापपुरा उधोग क्षेत्र एवम प्रतापपुरा भोजपुरा क्रेसर उधोग बन्द पड़ा है साथ ही पर्यटक नगरी ओरछा एवम आसपास के ग्रामो में बिजली ना होने से पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा गई है लोगो का कहिना है कि गर्मी के इस मौसम में पानी की ज्यादा जरूरत लोगो को होती है अधिकांश लोग नलो एवं वोरो के पानी पर निर्भर है ऐसे में 60 घण्टो से बिजली ना आने से पेयजल व्यवस्था गम्भीर समस्या बन गई है।ग्रामीणों का कहिना है कि आदमी अपने लिये तो पानी का इंतजाम कर ही लेता है लेकिन पालतू जानवर प्यासे मर रहे है।



                 ।उधोग धंधे बन्द।



बिजली आपूर्ति ठप्प होने से जहाँ जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया वही प्रतापपुरा उधोग क्षेत्र एवम क्रेशर उधोग बन्द पड़ा है पिछले 60 घण्टो से बिजली सप्लाई बंद होने से इस क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा गई है तो प्रतापपुरा उधोग क्षेत्र की सैकड़ों फेक्ट्री बन्द है वही प्रतापपुरा क्रेशर उधोग भी बन्द है जिससे हजारो ट्रक यहाँ जो गिट्टी के लिये आते है फसकर रह गये है वही मजदूर पीने के पानी के लिये तड़फ रहे है ।हालांकि विजली विभाग के कर्मचारी दिनरात इस काम मे लगे हुये है विजली व्यवस्था शीघ्र सुचारू किये जाने के लिये उपयंत्री आर के दुबे की देखरेख में काम जोरो से चल रहा है।