जिले में नलकूप,हैण्डपम्प एवं टयूबवैल खनन हुआ प्रतिवंधित

कलेक्टर ने जारी किये आदेश
निवाड़ी। कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी किये गये आदेश के अनुसार जिले  की सीमा में 30 जून तक की अवधि तक नवीन नलकूप हैण्डपम्प एवं टयूव  वैल खनन प्रतिवंधित किया गया है। कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार विगत वर्षो में निवाड़ी जिले में अल्प वर्षा होती रही है। वर्ष 2019 में औसत वारिश होने के बाद आगामी ग्राीष्म ऋतु में पेयजल स्त्रोतों की आवक क्षमता घटनें की सम्भावना है जिसके कारण जिले में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट सम्भावित है। पेयजल एवं निस्तार हेतु आम जनता को पेयजल की आपूर्ती सुनिश्चित करनें हेतु उपाय किया जाना अति आवश्यक हो गया है। इस आशय की सूचना कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थय यांत्रिकी विभाग निवाड़ी एवं जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा प्रस्तुत की है। मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुयें आम जनता के लिये जल आपूर्ती सुनिश्चित करनें के मद्देनजर जनहित में जल का दुरूपयोग  रोकनें के उददेश्य से प्रतिबंधानत्मक कार्यवाही की जाना आवश्यक है। अत एवं आगामी वर्षाकाल प्रारम्भ होने की कालावधि 30 जून 2020 तक के लिये मै अक्षय कुमार सिंह कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी निवाड़ी म.प्र. जिला निवाड़ी के सम्पूर्ण क्षेत्र व परिसीमा को मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 की धारा (3) के तहत जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित करता हू  तथा धारा 3 (6) के तहत आदेश देता हू कि कोई भी व्यक्ति निवाड़ी जिले की भौगौलिक सीमा के अंदर सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के बगैर किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप खनन नही करेगा। अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तिथी से कोई भी व्यक्ति पेयजल स्त्रोत तथा समस्त नदी नालों तालाबों बाबडियों आदि स्त्रोतों का उपयोग सिचाई अथवा औद्यौगिक व्यावसायिक प्रयोजन हेतु जिसमें जिलांतर्गत संचालित समस्त निजी वाहन धुलाई सेन्टर भी शामिल है। सक्षम अधिकारी की अनुमति के बैगर पेयजल का दुरूपयोग नही करेगा व उपब्ध पेयजल स्त्रोत/हैण्डपम्प/नलकूप आदि के 200 मी की           परिधि में निजी उद्देश्य के लिये हैण्डपम्प अथवा ट्यूबवैल खनन नही करेगा। इस दौरान शासकीय विभागों द्वारा लोक हित में पेयजल हेतु नलकूपों का खनन छोड़कर सभी प्रकार के नलकूपों के खनन प्रतिबंधित रहेगा। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थय यांत्रिकी विभाग की लिखित अनुशंषा पर विशेष परिस्थितियों में व आपत्ति स्थिति की दशा में क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी एवं दण्डाधिकारी पेयजल हेतु निजी नलकूप खनन की अनुमति दे सकेगे। इसके लिये क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी रास्वज को अधिकृत यिका जाता है। मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 के अधीन पारित आदेश का उल्लघन पाये जानें पर अधिनियम की धारा 9 के तहत दण्डानीय होगा जो दो वर्ष तक के कारावास से या 2000 रूपयें तक के जुर्माने से अथवा दोनो से दण्डनीय होगा। यह आदेश 29 अप्रैल से 30 जून 2020 तक सम्पूर्ण जिले में प्रभावशील होगा।