आशा ,आशासहयोगियों ने मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन


भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले कार्यकर्ताऐं हुईं एकजुट


 टीकमगढ- भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले बुधवार के दिन जिले में कार्यरत आशासहयोगी आशा कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम जिला प्रशासन के माध्यम से दिया है यह ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर विकास आनंद को सौंपा गया है ज्ञापन के दौरान भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह राजपूत एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की प्रदेश महामंत्री संगीता श्रीवास्तव आशा संघ की भावना सोनी एवं सहयोगी संतोषी विश्वकर्मा सहयोगी बबीता लोधी सहयोगी अनीता नापित सहित आशा साहिदा बानो हेमलता माना अहिरवार गायत्री मीना कमला प्रजापति सुमन यादव संध्या यादव रानी रैकवार भावना लोधी अभिलाषा नामदेव सुषमा सरवैया राजकुमारी सरवैया अंजना लिटोरिया रेखा सहित तमाम कार्यकर्ताऐं मौजूद थीं  जिसमें 10 मांगों का उल्लेख किया गया है। ज्ञापन में आशा सहयोगी और आशा कार्यकर्ताओं ने कहा  है कि आशा कार्यकर्ताओं और आशासहयोगगियों को कम से कम 24000 रुपए प्रति माह वेतन दिया जाए जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में दिन रात मेहनत कर सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन कर रही हैं और कहा गया है कि आशा और आशा सहयोगियों को ईएसआई एवं ईपीएफ का लाभ दिया जाए एवं दुर्घटनाओं पर या मृत्यु होने पर 500000 रुपए की बीमा राशि का मुआवजा भी दिया जाए आशा एवं सहयोगियों का बीमा किया जाए और सेवानिवृत्ति बेनिफिट के रूप में 500000 रुपए का भुगतान किया जाए आशा कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए उम्र का बंधन हटाया जाए एवं आशा कार्यकर्ताओं को एएनएम के पद पर पदोन्नत किया जाए। एवं वर्ष मैं दो बार गणवेश वितरित किया जाए और सभी चिकित्सालयों में विश्राम स्थल की व्यवस्था इन कार्यकर्ताओं को कराई जाए एवं यात्रभत्ता भी दिया जाए। उल्लेखनीय है कि जबसे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आशा और आशासहयोगियों ने स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की कमान संभाली है तभी से ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर पर विराम लग चुका है और लोगों को घर बैठे ही शासन की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रहीं हैं जहां यह आशा और आशा सहयोगी कार्यकर्ताऐं लोगों के घर-घर पहुंचकर इन योजनाओं का लाभ मुहैया करा रहीं हैं हालांकि इन कार्यकर्ताओं को सरकार वेतन न देकर प्रोत्साहन राशि देती है जिससे इनके परिवारों का भरण पोषण गुजारा नहीं होता है इन कार्यकर्ताओं ने शासन से वेतन की मांग और नियमितीकरण की मांग करते हुए 10 बिंदुओं का एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम दिया है।