वुन्देलखण्ड जन जागरण धर्म प्रचार यात्रा का ग्रामवासीयो ने पुष्प वर्षा से किया स्वागत





ओरछा- विख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पंकज जी महाराज की चालीस दिवसीय बुन्देलखण्ड जनजागरण धर्म प्रचार यात्रा कल सायंकाल ‘‘हाथ जोड़कर विनय हमारी! हो जायें सब शाकाहारी!!, नषा त्याग शाकाहार अपनायें! मां, बहनों की लाज बचायें!! आपस में सब पे्रम बढ़ायें! खिलकत को खुषहाल बनायें!!’’ आदि नारों सहित मड़ोर गांव पहुंची तो ग्रामवासियो ने द्वीप प्रज्वलित कलषों, पुष्प वर्षा व बैण्ड बाजों से स्वागत किया। मड़ोर गांव के गंजर बाबा स्थान के पास आयोजित जयगुरुदेव सत्संग समारोह में प्रवचन करते हुये पंकज जी महाराज ने कहा कि मानव शरीर भव सागर से पार जाने के लिये भक्ति, भजन और इबादत के लिये मिला है। यह किराये का मकान है। समय पूरा होने पर इसे सबको खाली करना पड़ेगा। वक्त का सबसे बड़ा वरदान यह है कि आपको जीते जी प्रभु प्राप्ति के लिये यह वेषकीतमती इन्सानी जामा, मानव तन मिला। परमात्मा है, मिलेगा परन्तु मरने के बाद नहीं। शरीर की श्वाँसों की पूँजी अनमोल है, इसे व्यर्थ मत गँवाओं। प्रभु चिन्तन में लगाओ। उन्होंने कहा कि परमात्मा की भक्ति, पूजा या इबादत के लिये मानवतावादी, शाकाहारी, नषामुक्त होना परम आवष्यक है। अषुव्द्ध आहार से केवल मन, बुद्धि, चित्त, अन्तःकरण ही नहीं जीवात्मा भी गंदी हो जाती है। दूषित स्थान पर परमात्मा कैसे उतरेगा? उन्होंने शाकाहार पर बहुत जोर दिया। सभी वर्ग, धर्म, मजहब व जाति के लोगों से शाकाहारी बनने की अपील की। संस्था प्रमुख ने कहा कि समाज में प्रेम, मुहब्बत की बड़ी जरूरत है। हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने आवाज लगाई थी कि सभी लोग अपने दीन ईमान पर वापस आ जाओ। सबसे पहले आप इन्सान बनो, मानव धर्म, मानव कर्म का पालन करो। एक-दूसरे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करो। सन्त सत्गुरु के पास जाओ, वह जो दया का प्रसाद दे दें, उसे खुषी से लेकर अपनी जीवात्मा को जगाकर मनुष्य शरीर में जीते जी मालिक के पास पहुँचाओ। यही असली मानव धर्म, सच्ची इन्सानी तालीम है। उन्होंने कहा कि सन्त महात्मा त्रिकालदर्षी होते हैं। इन्हें भूत, भविष्य, वर्तमान सब कुछ मालूम रहता है। वे कोई कौम बनाने य मजहब चलाने नहीं आते। वे सबके होते हैं। सबको अपना समझते हैं और सबकी भलाई व कल्याण का काम करते हैं। उन्होंने चरित्र को मानव धर्म की सबसे बड़ी पूँजी कहा और चरित्र उत्थान तथा नयी पीढ़ी के बच्चों में अच्छे संस्कार डालना समय की सबसे बड़ी मांग है। अच्छे संस्कार महात्माओं की वचन, वाणियों या सत्संग से जागते हैं। संस्कार युक्त षिक्षा के अभाव में युवा पीढ़ी भटक रही है जो हमारे समाज के लिये दुःखदाई है। बच्चे देष के भविष्य हैं इन्हें शराब आदि व्यसनों से बचाना है। पंकज बाबा ने बताया कि ‘जयगुरुदेव’ प्रभु का नाम है जिसे हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने जगाया। इससे लोक-परलोक दोनो प्रकार के लाभ होंगे। पूज्य बाबा जी ने कह रखा है मौत के समय ‘जयगुरुदेव’ नाम लेने की पीड़ा कम होगी और जीवात्मा नर्कों-चैरासी में जाने से बच जायेगी। आगरा-दिल्ली बाई पास मथुरा में बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने अपने गुरु जी महाराज की स्मृति में दुनिया का अद्वितीय बरदानी मन्दिर बनवाया है जहां एक-बुराई चढ़ाने यानि छोड़ने पर एक मनोकामना की पूर्ति होती है। उन्होंने गृहस्थ आश्रम में रहकर प्रभु प्राप्ति की सरल साधना का मार्ग भी बताया। आत्मा-परमात्मा के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाष डाला। उन्होंने आगामी 9, 10, 11 मार्च को होली के अवसर पर जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले होली सत्संग कार्यक्रम में भाग लेने का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, जयगुरुदेव आश्रम मथुरा के प्रबन्धक सन्तराम चैधरी, म.प्र. संगत के अध्यक्ष नारेन्द्र प्रताप सिंह, बिहार संगत के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, संस्था की प्रबन्ध समिति के सदस्यगण अनूप कुमार सिंह, सतीष उपाध्याय, बी.बी. दोहरे, मुनीराम प्रजापति,भगवत यादव महेष यादव, सूरज यादव, सरपंच मड़ोर, धर्मेन्द यादव, होती सिंह, पूरन लाल प्रजापति, बादाम सिंह, धनीराम पाल सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। सत्संग के पष्चात् यात्रा अपने अगले पड़ाव तालबेहट जिला-ललितपुर (उ.प्र.) के लिये प्रस्थान कर गई।